नफरत एक विषाक्त भावना है जो मानवता को तबाह करती है। यह एक बीमारी की तरह फैलती है और हर किसी को नुकसान पहुँचाती है। नफरत का फल हमेशा ही कष्ट होता है। जो नफरत फैलाता है, वह खुद ही उसका शिकार हो जाता है।
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इंसानियत की हार
इस जगत में हर दिन नये-नये कष्टों का सामना करना पड़ता है। जहां तक हम खुद को सुरक्षित रखते मानते हैं, वहीं अस्तित्व के लिए लड़ाई छिड़ जाती है। यह गम की दुनिया में हमारी हिम्मत धीरे-धीरे नष्ट होता जा रहा है।
अहम् खुद को बचाने के लिए कभी कभार ही प्रयास करते हैं, लेकिन अंततः यह हार मानना हो जाता है। क्या हम इस मुसीबत से बच सकते हैं? यह एक महत्वपूर्ण चिंतन है जिसका प्रतिक्रिया हमें खुद को ढूंढना होगा।
कुर्बानी किसे देनी है?
यह एक प्रश्न है जो हम सभी को उत्साहित करता है. राजनीतिक दुनिया में, हर click here व्यक्ति दूसरे का हार कहता है। क़ुर्बानी का मूल्य हमेशा एक ही नहीं होता। कभी-कभी यह हमें सफलता की ओर ले जाता है, तो कभी-कभी यह हमें परेशानियों में डाल देता है। यदि हम इस प्रश्न का जवाब देना चाहते हैं, तो हमें खुद को चिंतन में डुबोना होगा.
ख़ुशी का भ्रम
जीवन एक अनुभव है जो हमें कई मजेदार पलों से भर देती है। परंतु क्या हमेशा ये ख़ुशी सच में स्थायी रहती है? अक्सर, हम अपनी रुचियों को पूरा करने में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि हमें यह भूल जाता है कि असली अंतर जीवन का संतुष्टि पाने में निहित है।
दूर तक पहुँचता है कलंक
एक व्यक्ति के ऊपर लगने वाला कलंक, आगे बढ़ते हुए बहुत दूर तक पहुँचता है। यह सिर्फ़ सोशल सर्किल तक ही सीमित नहीं रहता, बल्कि परिवार पर भी गहरा प्रभाव डालता है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि हम कलंक के उत्पत्ति की जड़ तक पहुँचें और इसे दूर करने के लिए प्रयास करें।
चालाकी का जाल
यह जग में मौजूद है यह एक खतरनाक अस्तित्व है। लोग बहुत देर तक इसमें फ़ंस जाते हैं । यह एक ऐसा पकड़ा है जिसमें व्यक्तिओं को चालाक लोग चंगुल में ले जाते हैं ।
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